वेबसाइटें वसूलेंगी पाठकों से पैसा

टाइम्स की एक पाठक

ब्रिटेन के दो शीर्ष अख़बारों 'द टाइम्स' और 'संडे टाइम्स' ने घोषणा की है कि वे इस साल जून से अपनी वेबसाइट पर आने वाले पाठकों से शुल्क वसूल करेंगे.
दोनों वेबसाइटों की मालिक न्यूज़ इंटरनेशनल (एनआई) के मुताबिक़ पाठकों को एक दिन के लिए एक पाउंड और हफ़्ते भर के लिए दो पाउंड का भुगतान करना पड़ेगा.
एनआई की इस घोषणा ने पाठकों के लिए एक नया मोर्चा खोल दिया है और इंडस्ट्री के लोग इसपर नज़र रखे हुए हैं.
एनआई के मुख्य कार्यकारी रिबेक ब्रुक्स ने कहा, ''ख़बरों के व्यापार को आकर्षक बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण क़दम है.''
मई के शुरू में 'द टाइम्स' और 'संडे टाइम्स' की नई वेबसाइटें लांच की जाएँगी.
दोनों नई वेबसाइटें रजिस्टर्ड पाठकों के लिए कुछ दिन के फ़्री ट्रायल के लिए उपलब्ध रहेंगी. इसके बाद कोई पाठक भुगतान करने के बाद ही इन वेबसाइट की ख़बरों को पढ़ पाएगा.
अख़बार की बिक्री में कमी आने के बाद कंपनियाँ वेबसाइटों से पैसे कमाने का बिज़नेस मॉडल तलाश रही हैं.
ऐसे समय जब इंटरनेट पर बहुत सी पाठ्य सामग्री मुफ़्त में मौज़ूद है बहुत से लोग एनआई के इस फ़ैसले को उच्च जोखिम वाली रणनीति के रूप में देख रहे हैं.
इस जोखिम से 'द टाइम्स' के संपादक जेम्स हार्डिंग सहमत हैं. बीबीसी से उन्होंने कहा, ''यह पत्रकारिता को त्याग देने की तुलना में काफ़ी कम जोखिम वाला फ़ैसला है.''
न्यूज़ इंस्ट्रीज की तुलना वे चार साल पहले के संगीत उद्योग से करते हैं, वे कहते है, ''उस समय लोग कहते थे कि संगीत उद्योग का खेल ख़त्म क्योंकि सब लोग वेबसाइट से मुफ़्त में डाउनलोड कर रहे हैं लेकिन आज लोग उन्हीं वेबसाइटों से संगीत ख़रीद रहे हैं.''
ब्रुक्स बताते हैं कि वेबसाइटों पर पढ़ने के लिए शुल्क लेने का फ़ैसला पत्रकरिता के लिए एक निर्णायक क्षण है. हमें अपनी पत्रकारिता पर गर्व है और यह कहने में कोई शर्म नहीं है कि हमारा इन मूल्यों में विश्वास है.
उन्होंने कहा कि अभी यह शुरुआत है. इस नए दृष्टिकोण को अपनाने वाले ब्रिटेन में 'द टाइम्स' और 'द संडे टाइम्स' पहले हैं.
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