
28 दिनों का ये इलाज ख़ासतौर से कंप्यूटर गेम और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों के दीवाने हो चुके ऐसे युवाओं के लिए है जिन्हें लगता है कि उनका जीवन इंटरनेट के बिना नहीं चल सकता.
ऐसे युवा इंटरनेट से वंचित होने पर चिड़चिड़े हो जाते हैं.
ऐसी लत ऑनलाइन गेम जैसी चीजों में बढ़ जाती है जहां पर गेम खत्म होने का नाम ही नहीं लेता.
लंदन स्थित कैपियो नाइटिंगल अस्पताल में ये इलाज शुरू किया है डॉ. रिचर्ड ग्राहम ने.
डॉक्टर ग्राहम कहते हैं,"इस तरह की लत से आपके जीवन के बाकी क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं. जीवन की बाकी गतिविधियों में शामिल होने की युवाओं की क्षमता प्रभावित हो सकती है."
हालाँकि डॉक्टर ग्राहम ने साथ ही बताया कि ऐसा नहीं है कि इलाज के बाद आप एकदम से इंटरनेट का इस्तेमाल ही बंद कर देंगे.
निराशाजनक व्यवहार
दक्षिण पूर्वी एशिया में ऑनलाइन गैम्बलिंग क्लिनिक पहले ही बड़ी संख्या में मौजूद हैं.
इस तरह के लत से आपके जीवन के बाकी क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं. जीवन की बाकी गतिविधियों में शामिल होने की युवाओं की क्षमता प्रभावित हो सकती है.
डॉक्टर रिचर्ड ग्राहम
इस इलाके में लोग वर्चुअल वर्ल्ड पर काफी समय नष्ट करते हैं.
नतीजतन लोगों के असल जीवन में ढेर सारी समस्याएं पैदा हो रही हैं.
इस बारे में सबसे हाल का मिसाल दक्षिण कोरिया के एक दंपत्ति का है.
यह दंपत्ति 12-12 घंटे तक ऑनलाइन गेम खेल रहा था जबकि उनके बच्चे ने भूख से दम तोड़ दिया.
इलाज के तीन चरण
डॉक्टर ग्राहम ने इलाज को तीन चरणों में तैयार किया है.
शुरुआत में साइकोथैरेपी के जरिए रोगी के मसलों को सुलझाया जाता है.
अगला चरण है इंटरनेट के साथ लत को कमजोर करना और इसे खत्म करने के लिए प्रोत्साहित करना.
आखिरी चरण में रोगी को व्यायाम करने और परिवार-दोस्तों के बीच समय गुजारने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
